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सितंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वक्त तुम्हारे साथ

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 वक्त देने में और वक्त बिताने में बहुत फर्क है, मैं तुम्हारा वक्त नही चाहती हूँ, बल्कि तुम्हारे साथ वक्त बिताना चाहती हूँ. मुझे तुम्हारे साथ वक्त के हर लम्हे को जीना है, महसुस करना है तुम्हारे साथ में गुजरते हुए वक्त को, मैं चाहती हूँ कि तुम्हारे साथ जिया हुआ वक्त का हर लम्हा मुझमें ही कहीं रच-बस जाए. मैं चाहती हूँ कि जब तुम मेरे साथ रहो, तो मैं वक्त के उस लम्हे को रोक कर रख लूँ, हमेंशा-हमेशा के लिए,

हिन्दी दिवस

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 जितनी सहज सरल है उतनी ही सुहानी है ये हिंदी है, इसकी तो बातें ही निराली है धारा-प्रवाह कहानी, काव्य, नाटक  छंद और रस सारे इसमें ही तो हैं बसे, हमारी सभ्यता और संस्कृति, कलिका सारे रस के इसमें ही समाई है.. इसके वाचन-श्रवण के माधुर्य अलौकिक है स्वयं के आवरण में समेटे व्याकरण को सर्वोपरी इसके कौशल हैं...!! विश्व में हमारी शान का मानक भी यही है, सिर्फ एक भाषा ही नही, संपूर्णता की पहचान है, हम धन्य हैं, हिंदी हमारी मातृभाषा है। हिंदी दिवस की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐🙏

इश्क और उदासी

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 सुनो.... मुमकिन नही कि इश्क हो और चेहरे पर उदासी न आए, मुस्कुराहट से दुश्मनी और अश्क से दोस्ती तो बात ही आम है..!! आखिर इश्क की भी अपनी ही एक शान है, दर्द और गमों के शहर में इसी का तो कायम रूतवा है..!!

सुनो माधव

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 हम अपने हर शब्द में आपको लिखते हैं, हम अपने हर एहसास में आपको ढूंढते हैं