भूलक्कड़ सी हो चली हूं मैं
जब से जिन्दगी में मेरी तुम आए हो
सब कुछ मैं भूलने सी लगी हूं,
ख्याल अब कुछ रहता नही मुझे
खुद को न जाने कहाँ रख कर,
ढूंढने में लगी हुई हूं मैं..!
न सुबह का ख्याल न शाम की खबर है,
न जाने क्यूं हर पल ढूंढती तुम्हे ही मेरी नजर है,
बेमाने से हो गए सारे ख्यालात मेरे,
बता न पाऊं किसी को ऐसे तो हैं हालात मेरे,
बेसबब दिल को मेरे,
तेरी जुस्तजू हर पहर होने लगी है,
न जाने क्यूं खुद को मैं भूलने सी लगी हूं..!!
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