हंसती बहुत हूं

 यूँ तो हंसती बहुत हूँ मैं,

पर मेरी हंसी को भी शायद हंसना मेरा रास नही आता,  

छलका ही देती है दर्द, आँखों में मेरे

कुछ यूँ रिश्ता निभाती है ये, मेरे दिल के जख्मों से,

मुस्कान लवों पर आ भी नही पाता कि

आँखों में नमी को सजा देती है..!!

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