जब भी गुजरते हैं

 जब भी गुजरते हैं....

हम कभी उन गलियों से...

जहाँ कभी तेरा आना जाना था...

बरबस ही आँखों में...

अक्श तेरा..आ जाता है..

धड़कने बेचैन हो जाती है...

दिल में यादों की तेरी बारीश सी हो जाती है...

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