काश हम मिले न होते
आज महसुस कुछ अलग सा हो रहा है..
जिन्दगी के इस मोड़ पर आकर दिल कुछ कहने सा लगा है,
काश कि हम मिले न होते...
काश हम मिले न होते..
राज-ए-दिल खोले न होते...
तो न होता यूं बिछड़ने का गम हमें
न होती यूं खामोशी दरमिया हमारे..
न होती यूं दूरियाँ बीच हमारे..
ख्वाबों में ही सही मुलाकातें तो होती..
सोंचकर इक दुसरे को लवों पर मुस्कुराहटें तो होती..
ख्यालों में ही सही हम करीब तो होते..
यूं दूरियों के दर्द में बेचैन न हम होते..
एहसासों में ही प्यार तो होता..
प्यार न सही... प्यार का वहम तो होता ..
काश कि हम मिले ही न होतें..!!!!

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