रिश्ता तेरा मेरा


 तेरे साथ बनता बिगड़ता ये रिश्ता..

निभाने में मजा सा मुझे 

अब आने लगा है...

उलझती डोर की गाँठ सी खोलने की कोशिश में..

जीने का मतलब जो समझ आने लगा है..!!

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