होली का त्योहार


 हवाओं में महका महका सा रंग और गुलाल है,

जिधर नजर पडे़ उधर ही कहीं हरा तो कहीं रंग लाल है,

यही तो होली का त्योहार है,


गुझियों की खुशबू, पुरणपोली की महक से सरावोर घर और आंगन है,

खुशियों के रंग में भीगा भीगा उल्लासित मन प्रांगण है,

यही तो होली का त्योहार है,


रंग-बिरंगी रंगोली से महकता हर घर का द्वार है,

खुशियों से सजी मन की थाली में उमंगों की उपहार है,

यही तो होली का त्योहार है,


मन पतंगा बन उड़ता फिरे, मौसम-ए-बसन्त की सौगात है,

फूलों की शोखियाँ, और रंग गुलाल संग पतंगों की बारात है,

यही तो होली का त्योहार है..

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