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मई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बेशक ख्वाब सारे निष्पन्न है

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  बेशक ख्वाब सारे निष्पन्न है, पर शेष है जीवन अमिट सुरभि तुझपे बिखर जाने के लिए !! तुम रहो न रहो साथ  कोई बात नहीं तुम चलो न चलो साथ कोई बात नहीं बस दिल में रहो मेरे हमेशा एहसास इतना ही सही कह सकूँ तुझसे हर बात इतना ही सही अँधेरा घना हो गया है ख्वाब बिखर-सा गया है राहें बंद हो गयीं सारी समय ठहर-सा गया है पर जीवित है एक मुस्कान तेरी मुस्कराहट के लिए शेष है जीवन अमिट सुरभि तुझपे बिखर जाने के लिए !! 🥀🌿💕

सुनो ना.....

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  सुनो ना, अच्छा लगता है मुझे तुम से सुनना, साथ रहोगे तुम हमेशा मेरे, सारी दुनिया भी जब हो जाएगी मुझसे खफा, तुम साथ ना छोड़ोगे मेरा | हाथ छुड़ा लेगी जब दुनिया मुझसे कभी, तब भी ना छोडो़गे कभी तुम दामन मेरा | जीवन में चाहे तकलीफें कितनी भी आए, हर पल साथ मिलेगा मुझे तुम्हारा, मिलेगा हर लम्हा मेरे आसरे को तुम्हारा सहारा ||

शेष है जीवन अमिट सुरभि

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 बेशक ख्वाब सारे निष्पन्न है, पर शेष है जीवन अमिट सुरभि तुझपे बिखर जाने के लिए !! तुम रहो न रहो साथ  कोई बात नहीं तुम चलो न चलो साथ कोई बात नहीं बस दिल में रहो मेरे हमेशा एहसास इतना ही सही कह सकूँ तुझसे हर बात इतना ही सही अँधेरा घना हो गया है ख्वाब बिखर-सा गया है राहें बंद हो गयीं सारी समय ठहर-सा गया है पर जीवित है एक मुस्कान तेरी मुस्कराहट के लिए शेष है जीवन अमिट सुरभि तुझपे बिखर जाने के लिए !! #rani✍️🥀 स्वरचित

मातृ शक्ति तुझे नमन है||

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  ममता, वात्सल्य से परिपूर्ण हो धरा पर आई, संग अपने भर के झोली, स्नेह और दुलार लाई, मातृ शक्ति तुझे नमन है|| हृदय में समेटे पीडा़ अनेक, होंठों पर मुस्कान ही छलके, वेदना से व्यथित तन हो, फिर भी पुलकित मन करके, नित्य कर्तव्यों की बेडियों में स्वयं को जकड़ कर भी हर्षाई, मातृ शक्ति तुझे नमन है|| दृढ तरु बन कर अपनों को सदा-सर्वदा देती है सहारा, निज हृदय-स्वपनों को अपनों की प्रसन्नता पर है वारा, त्याग, तपस्या की बनी मुरत वो, मुखाकृति पर न कभी मलिनता तनिक भी लाई, मातृ शक्ति तुझे नमन है|| आँच-खरोंच तकलीफ की इक जरा भी कभी न आने देती अपनों पर, ढाल बन स्वयं को दृढ़ता पूर्वक रखती है अग्रपंक्ति में चाहे हो कोई संकट, कुटुम्ब की खुशियों में ही स्वयं की खुशियाँ सारी ढूँढ लाई, मातृ शक्ति तुझे नमन है||

तुम होते तो...

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  तुम होते तो जिन्दगी को एक नाम मिलता, यूँ मतलब विहिन न होती ये...! मेरे होने का मुझे इक एहसास होता इक सुकून हर पल मेरे आस पास होता...! यूँ तो हँसी रहती है लवों पर अक्सर मेरे पर तुम होते तो वो हँसी और भी हसीन होती..! रंगिनियाँ बेशक सजी रहती जिन्दगी में पर शायद तब रंगिनीयों में भी इक आभा होती..! फूल और चमन से तो सजी ही है जिन्दगी पर तुम होते तो शायद इनमें खुशबू भी होती...!! यूँ बेचैन न होते मेरे दिन और रैन करार तो होता इस दिल को .. आँखों में अश्क न होते शायद मेरे इनमें होता इन्तजार तुम्हारा ख्वाब तुम्हारे दर्द मेरे दिल को न मिलता इश्क के तोहफे में खुशियाँ सारे जहाँ की समेट लेती मैं आँचल में...!