तुम होते तो...


 


तुम होते तो


जिन्दगी को एक नाम मिलता,

यूँ मतलब विहिन न होती ये...!


मेरे होने का मुझे इक एहसास होता

इक सुकून हर पल मेरे आस पास होता...!


यूँ तो हँसी रहती है लवों पर अक्सर मेरे

पर तुम होते तो वो हँसी और भी हसीन होती..!


रंगिनियाँ बेशक सजी रहती जिन्दगी में

पर शायद तब रंगिनीयों में भी इक आभा होती..!


फूल और चमन से तो सजी ही है जिन्दगी

पर तुम होते तो शायद इनमें खुशबू भी होती...!!


यूँ बेचैन न होते मेरे दिन और रैन

करार तो होता इस दिल को ..


आँखों में अश्क न होते शायद मेरे

इनमें होता इन्तजार तुम्हारा ख्वाब तुम्हारे


दर्द मेरे दिल को न मिलता इश्क के तोहफे में

खुशियाँ सारे जहाँ की समेट लेती मैं आँचल में...!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

दिसम्बर और जनवरी सा रिश्ता हमारा

क्यो फरियाद करना..

ये इश्क ही तो है...