मातृ शक्ति तुझे नमन है||
संग अपने भर के झोली, स्नेह और दुलार लाई,
मातृ शक्ति तुझे नमन है||
हृदय में समेटे पीडा़ अनेक, होंठों पर मुस्कान ही छलके,
वेदना से व्यथित तन हो, फिर भी पुलकित मन करके,
नित्य कर्तव्यों की बेडियों में स्वयं को जकड़ कर भी हर्षाई,
मातृ शक्ति तुझे नमन है||
दृढ तरु बन कर अपनों को सदा-सर्वदा देती है सहारा,
निज हृदय-स्वपनों को अपनों की प्रसन्नता पर है वारा,
त्याग, तपस्या की बनी मुरत वो, मुखाकृति पर न कभी मलिनता तनिक भी लाई,
मातृ शक्ति तुझे नमन है||
आँच-खरोंच तकलीफ की इक जरा भी कभी न आने देती अपनों पर,
ढाल बन स्वयं को दृढ़ता पूर्वक रखती है अग्रपंक्ति में चाहे हो कोई संकट,
कुटुम्ब की खुशियों में ही स्वयं की खुशियाँ सारी ढूँढ लाई,
मातृ शक्ति तुझे नमन है||

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