रिश्ते की डोर


 

किसी भी रिश्ते की खुबसुरती तभी बरकरार रहती है, जब उसे पुरी इमानदारी से निभाई जाए..!

रिश्ता चाहे कोई भी हो, वो कच्चे धागे सा ही होता है, जो हल्की सी खिंचातानी में भी टूट जाता है, और फिर लाख कोशिश कर लो फिर पहले सा जुड़ता नही है, उसमें गाँठ आ ही जाता है..!

इसलिए रिश्तों को पुरे दिल से शिद्दत से ही निभाना चाहिए...!!

बडी़ ही नाजुक सी डोर है रिश्ते की,

जरा सी खींची नही की, अब टूटी, तब टूटी...||

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