फिक्र


 

हम उनकी ही फिक्र क्यूँ करते हैं जिन्हे हमसे कोई मतलब ही नही.......

    अक्सर यही होता है....हम न चाहते हुए भी उनके लिए ही सोचते हैं, जो हमारी सोच में रहने के लायक ही नही...

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