दो जिन्दगियाँ


 एक ही जिन्दगी में दो जिन्दगियों को जीना होता है

महफिल में लवों पर मुस्कुराहट को गहने की तरह सजाना तो

तन्हाई में आंखों के अश्कों को सीने से लगाना होता है.

शायद इश्क नाम इसी का होता है..!

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