तुम बिन


 आकुल, व्याकुल ह्दय मेरा तुम बिन,

व्यथित, व्यग्र सा प्रतित हो रहा,

विरहन सी मैं भटक रही,

मन अधीर, आतुर सा हुआ जा रहा..!!


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

दिसम्बर और जनवरी सा रिश्ता हमारा

क्यो फरियाद करना..

ये इश्क ही तो है...