मृग मारीचिका


 कुछ शब्द, कुछ लफ्ज़,, कुछ अल्फ़ाज़,,

जो कभी-कभी हमारे जेहन में आते हैं,,

और अनायास ही किसी का शक्ल अख्तियार कर लेते हैं,,,

एक ऐसा शक्ल जो.....

सिर्फ एक छलावा है, परछाई है, मृग मरीचिका है,,,

हम जिसके पीछे भाग सकते हैं,

देख सकते हैं,,,पर उसे कभी पा नहीं सकते...!!

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