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मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

काश हम मिले न होते

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 आज महसुस कुछ अलग सा हो रहा है.. जिन्दगी के इस मोड़ पर आकर दिल कुछ कहने सा लगा है, काश कि हम मिले न होते... काश हम मिले न होते.. राज-ए-दिल खोले न होते... तो न होता यूं बिछड़ने का गम हमें न होती यूं खामोशी दरमिया हमारे.. न होती यूं दूरियाँ बीच हमारे.. ख्वाबों में ही सही मुलाकातें तो होती.. सोंचकर इक दुसरे को लवों पर मुस्कुराहटें तो होती.. ख्यालों में ही सही हम करीब तो होते.. यूं दूरियों के दर्द में बेचैन न हम होते.. एहसासों में ही प्यार तो होता.. प्यार न सही... प्यार का वहम तो होता .. काश कि हम मिले ही न होतें..!!!!

रेत के कण सा प्यार तेरा

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 रेत के कण सा था प्यार तेरा,   सहेजते तो सहेजते भला हम कैसे..   बिखरते जमीं पर चले गए आहिस्ते-आहिस्ते मुट्ठी में बन्द कर के बैठी थी मैं प्यार तेरा, सब से चुरा कर,, सबसे छुपा कर ,, सहेजा मैंने तेरे प्यार को दिल में कुछ इस तरह,, कि इस पर किसी की नजरे भी न पड़ने दी... पर तेरा प्यार निकला,, महज रेत का ही कण,, बस फिसलता गया, फिसलता गया... और फिसल ही गया .....!!!

तेरी खामोशी

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 खामोशी से सुन रही हूँ तेरी खामोशी को...  देखूँ जरा मैं भी तेरी खामोशी की हद को....

अब भी इन्तजार है तेरा

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 मिलने की उम्मीद तो नही है,,             तुझसे...!    पर मैं ये कैसे कह दूं कि,    अब इंतज़ार नहीं है तेरा...!!

रिश्ता तेरा मेरा

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 तेरे साथ बनता बिगड़ता ये रिश्ता.. निभाने में मजा सा मुझे  अब आने लगा है... उलझती डोर की गाँठ सी खोलने की कोशिश में.. जीने का मतलब जो समझ आने लगा है..!!

प्यार का दावा

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 प्यार कभी जो हमसे करते थे तुम,, क्या वही प्यार उनसे भी करते हो..? दावा जो करते थे हम पर मरने का कभी, तो क्या उन पर भी यूं ही मरते हो..??

मन बावडा़ बन पंछी

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 मन बावडा़ बन पंछी किस डगर उड़ चला है, न जाने कितने ख्यालों को संग अपने ले चला है...!

होली का त्योहार

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 हवाओं में महका महका सा रंग और गुलाल है, जिधर नजर पडे़ उधर ही कहीं हरा तो कहीं रंग लाल है, यही तो होली का त्योहार है, गुझियों की खुशबू, पुरणपोली की महक से सरावोर घर और आंगन है, खुशियों के रंग में भीगा भीगा उल्लासित मन प्रांगण है, यही तो होली का त्योहार है, रंग-बिरंगी रंगोली से महकता हर घर का द्वार है, खुशियों से सजी मन की थाली में उमंगों की उपहार है, यही तो होली का त्योहार है, मन पतंगा बन उड़ता फिरे, मौसम-ए-बसन्त की सौगात है, फूलों की शोखियाँ, और रंग गुलाल संग पतंगों की बारात है, यही तो होली का त्योहार है..

तेरी भक्ति का रंग ही सत्य

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 दुनिया के रंग सारे मिथक, मेरे महादेव, सत्य है तो बस आपकी भक्ति के ही रंग, आपकी भक्ति में ही है रंग सारे... सत्य, शाश्वत, अखण्ड, अनन्त और अथाह प्रेम, क्षमा, करूणा और दुलार...! जीवन के घोर अन्धेरे में उजाले का रंग, मेरे सीमित से कष्ट में असीमित से सुख का रंग, मेरे महादेव, सारे रंग तो समाये हैं आपकी भक्ति में ही..!!

तेरे प्रेम रंग में

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 रंग कई है यूँ तो जमाने में मन को मोहते, पर मैं तेरे ही रंग में रंगना चाहती हूँ, तेरे प्रेम का रंग, चाहती हूँ मैं, जब लगे मुझे तेरे प्रेम का रंग, कभी उस रंग से न कर पाऊँ, मैं खुद को अलग धानी शुष्क सा तेरा रंग प्रेम का महका रहे मुझमें हरदम वो रंग जो चाह कर भी कोई न हटा सके मुझसे, जीवन भर मैं रंगती ही चली जाऊँ, तेरे प्रेम के रंग में...! ऐसे पक्के रंग की हूँ मैं अभिलासी कि तेरे प्रेम रंग पर कोई दूजा और रंग चढ़ पाए..!!

तुझ बिन आराम नही

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 नीन्द, चैन, सुकून, आराम भला क्या होता है, तुम्हारे बाद रिश्ता कुछ न रहा इनसे अब हमारा.. दोस्ती बहुत गहरी हुआ करती थी हमारी कभी सुकून-ए-दिल से, तुम क्या आ गए जिन्दगी में हमारी, हम अपना नींद चैन सब गंवा बैठे, हर घडी़ हर पहर कुछ गुम सा लगता है, न जाने आँखों को हमारे, किसका इन्तजार रहता है, कभी बेचैनी बेवजह ही सताने को आ जाती है, कभी उनींदी सी आँखों में ख्वाब कुछ मचल जाते हैं, उफ्फ बडे़ बेरहम से हो चले हैं हालात दिल के अब, समझना गवारा नही दिल को अब कोई भी बात, ख्यालों पर भी अब हर पल कब्जा तुम्हारा ही है, कुछ पल सुकून के मिले कभी,इस बात को भी तरस से गए हैं हम..

नारी और नारी का सम्मान

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 बडी़ अजीब विडम्बना है, आज सभी नारियों का सम्मान हो रहा है, और खुब हो रहा है, क्यो...???  क्योकि आज महिला दिवस है, सभी नारियों को सम्मानित करेंगे उन्हे महिला दिवस की बधाई देकर. पर.... कल से.. फिर वही नारी सम्मान के योग्य नही रह जायेंगी, अमुमन हर जगह, घर, गली, सड़क चौराहें... हर जगह एक ही बात, किसी न किसी रूप में, नारी अपमान, नारी मर्यादा का हनन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष और भी न जाने किस किस तरह तरह से यहां तक कि.. गालियों में भी, नारियों को ही शामिल करेंगे.. बातें कड़वी जरूर है, पर सच है..!! स्त्री सम्मान महज शब्दों का, लेखों का मोहताज न बन जाए, स्त्री के प्रति सम्मान व्यवहार से, आचरण से, और हृदय से हो,, तो वो है स्त्रियों को असली उपहार.. स्त्री जीवन का बेशकीमती उपहार...!! 🌿🌿🌿🌿🍀🍁🍀🌿🌿🌿🌿 अन्त में समस्त महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ  🥀🥀🥀🥀🥀🌿🥀🥀🥀🥀🥀 #rani  स्वरचित मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित #

नही होती मैं अकेली

जब भी मुझे ये लगता है कि अब मैं अकेली पड़ चुकी हूँ तुम बिन, आँखें बन्द कर सोचती हूँ तुम्हे, और फिर तुम्हारी यादों के सफर पर मैं निकल पड़ती हूँ, तब न मैं अकेली होती हूँ न मेरी सोच अकेली होती है, बस तुम्हारा कब्जा होता है मुझ पर और मेरी यादों पर, मेरी सोच पर और मेरे हर एहसास पर....

बसन्त के साथ तुम भी आओ

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  मैं चाहती हूं कि बसंत के साथ-साथ तुम भी आ जाओ,   ज्यो बसंत अपने साथ ठंडी मदमस्त हवायें ले लेकर आया मैं चाहती हूं तुम भी मेरे लिए चाहत अपनी ले कर आओ, जब भी देखती हूँ, नवकोंपलों से सृजीत सूखे पेडो़ं को मैं तुम्हारे प्रेम से रिक्त हृदय में मेरे छवि तुम्हारी तैर सी जाती है, चारों ओर ज्यो खिल रहे हैं रंग विरंगे पुष्प कलियाँ मनभावन तुम भी आकर मेरे मन में भर दो प्रेम अपना अपार बाँटना चाहती हूँ तुम संग मैं अपनी हर बात. पतझड़ के शाम रहे हों या शीत की ठिठुरती ठण्ढी रात.. हर वक्त का हर पल का हर हाल मैं सुनाना चाहती हूँ तुम्हे बरसात में भीगते पेडो़ं को देखती हूँ मैं जब पत्ते-पत्ते पर पडी़ पानी की हर बुँद में तुम्हे ही ढूँढने लगती हूं मै फूलों पर मंडराते भंवरे अपने प्रेम रंग में रंग रहें ज्यो उन्हे, तुम आकर रंग लो अपने रंग में मुझे, मधुमासी तितलियाँ आती हैं मुझे तुम्हारी याद दिलाने को ऐसे में तुम आ जाओ कि बसंत मेरा न फीका पड़ जाए तुम बिन हृदय मेरा ऐसे है जैसे गृष्म में झुलसता मरूस्थल जैसे पुष्पविहीन शुष्क कोई पौधा महक फूलों की चारों तरफ फैली है, ऐसे में तुम्हारी कमी मन को खल सी रही ...

शिव और सती का प्रेम

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 सच्चे प्रेम में कशिश ही कुछ ऐसी है कि, महलों की रानी औघड़ बाबा शिव की प्रेयसी हो गई, छोड़ कर राजसी ठाठ, सुख के पल सारे, कैलाश पर शिव संग रहने को राजी हो गई, फूलों सी नर्म सेज न भायी सती को, खटवांगी शिव के लिए सारे सुख साधन त्याग आई, वृषभ पर सवार रहने वाले शिव को पाने के खातिर, कठोर तप तक करने को तैयार हो गई..! मलमल के वस्त्र न भाये सती को, बाघम्बर महादेव को मन में बसाने लगी, शिव के साधना अराधना में कोई कमी न छोडी़ सती ने प्रतीक्षा की हर दरिया को पार करने को तैयार हो गई..! हर हर महादेव🔱🙏🏻❣️... आज महाशिवरात्री है और इस पावन पर्व पर समूह के सभी सदस्यों को महाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं.. ‼️🔱🙏🏻ॐ नमः शिवाय🙏🏻🔱‼️